आप में से कई लोग सोचते होंगे कि जब देश में सबसे पावरफुल व्यक्ति प्रधानमंत्री है तो संसद में भी सबसे पावरफुल व्यक्ति प्रधानमंत्री होगा। लेकिन ऐसा नहीं।
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में राष्ट्रपति केवल नाममात्र का शासक होता है। सभी प्रमुख कार्यकारी शक्तियाँ प्रधान मंत्री में निहित हैं अर्थात राष्ट्रपति राष्ट्र का प्रमुख होता है, जबकि प्रधान मंत्री सरकार का प्रमुख होता है।
आज हम आपको बताएंगे कि लोकसभा में सबसे पावरफुल पद किसके पास है और वह क्या कर सकता है। आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
लोकसभा (Lok Sabha) में सबसे पावरफुल व्यक्ति कौन है?
लोकसभा में बहुमत दल या गठबंधन का नेता देश का प्रधानमंत्री होता है। प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का नेता होता है। लोकसभा में स्पीकर को सबसे पावरफुल पद माना जाता है। लेकिन ऐसा कहीं भी लिखित में नहीं है कि स्पीकर ही सबसे पावरफुल व्यक्ति होता है। लेकिन उनकी निर्णय लेने की शक्ति उन्हें सबसे पावरफुल दिखाती है। यही कारण है कि जब गठबंधन सरकार होती है तो हर पार्टी लोकसभा में अपना स्पीकर चाहती है।
लोकसभा स्पीकर (Speaker) की शक्तियाँ क्या हैं?
लोकसभा या लोकसभा अध्यक्ष का कार्य लोकसभा के सत्रों का पर्यवेक्षण करना, संसदीय बैठकों के लिए एजेंडा निर्धारित करना और सदस्यों के बीच व्यवस्था और शिष्टाचार सुनिश्चित करना है। इसके अलावा स्थगन, अविश्वास और निंदा प्रस्ताव जैसे प्रस्तावों को मंजूरी देना स्पीकर की जिम्मेदारी है।
इसके अलावा, यदि कोई संसद की गरिमा का उल्लंघन करता है, तो अध्यक्ष के पास सदस्य को कुछ समय के लिए संसद से निलंबित या निष्कासित करने और दल-बदल के आधार पर सदस्यों को अयोग्य घोषित करने की शक्ति होती है।
लोकसभा स्पीकर (Loksabha Speaker)की ये शक्तियां भी मौजूद हैं
लोकसभा स्पीकर के पास सदन के नेता के अनुरोध पर गुप्त बैठकों की अनुमति देने की शक्ति है। इस गुप्त सत्र के दौरान कोई भी व्यक्ति लोकसभा स्पीकर की अनुमति के बिना संसद में उपस्थित नहीं रह सकता है। लोकसभा अध्यक्ष को संसद में समितियाँ बनाने का भी अधिकार है। ये समितियाँ अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्य करती हैं।